क्रिस्मस स्टार - ख्रीस्तजयन्ति का तारा
क्रिसमस ईसा मसीह याने जीज़स क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में दिसंबर २५ के दिन विश्वभर में मनाया जाता है| और ईसा मसीह को ईसाई धर्म के लोग परमेश्वर का इस पृथ्वी पर स्थल और काल की सीमाओं में अवतरित मानव रूप या इश्वर का पुत्र मानते हैं |
क्रिसमस स्टार के पीछे एक घटना या कहानी बतायी जाती है | पूर्व देश में, कुछ राजपुरुष माने जाने वाले श्रेष्ठ व्यक्तियों ने एक अनोखा तारा देखा|
आजकल ख्रिस्ती परम्परा में इन्हें ज्योतिषी या श्रेष्ठ ज्ञानी भी कहते हैं, जो संभवत: मेसोपोटेमिया प्रदेश (वर्तमान इराक़) के थे जहाँ उसे समय इस ज्योतिष विज्ञान का बोलबाला था| उन्होंने उस अलौकिक तारे को देखते ही पहचान लिया कि यह एक महान व्यक्ति या एक महान राजा के जन्म का द्योतक है | उनको लगा कि वह तारा निश्चल नहीं, बल्कि आगे बढ़ रहा है और उसके पीछे हो जाने के लिए उन्हें आमंत्रित करता हैऔर वे मंत्र मुग्ध होकर उस तारे के पीछे हो लिए। उन्होंने अपनी स्थिति के अनुसार इस अवतरित मनीषी के लिए कुछ भेंट जैसे सोना, मूर और लोबान भी अपने साथ ले लीं - तारा आगे चलता रहा, और वे पीछे हो लिये | उनकी ज्योतिषीय गणना के अनुसार उनको लगा कि यह शिशु फलस्तीन में कहीं है, और तारे के फलस्तीन पहुँचते ही यह समझकर कि ऐसा जन्म एक राजकीय महल में ही हो सकता है उन्होने वहाँ के राजा हेरोद के पास जाकर उनसे मालुम किया कि यहूदी वंश में जन्म लेने वाला वह नया राजा कहाँ हो सकता है - लेकिन यह ज्ञात होने पर राजा हेरोद चिंतित हो गया और उसने अपने धार्मिक और अन्य सलाहकारों से शिशु जन्म की घटना के विषय में परामर्श लिया | उन्होंने धर्म ग्रन्थ उल्लिखित इस घटना से मिलती हुई कुछ बातें राजा को बतायीं कि यहूदिया के बेथलेहम नगर में, जो कि राजा दाऊद का शहर है, वहीँ ऐसे किसी महान राजा के जन्म होने की भविष्य वाणी की गयी है| यह सुनकर वह तो विचलित हो गया किंतु स्वयं को संतुलित एवं संयमित कर लिया और ज्ञानियों से जाकर कहा-तुम लोग जाकर बेथलेहम में उस शिशु की खोज करो, उसका आदर सम्मान करो, और फिर आकर मुझको इसकी सूचना दो, ताकि मैं भी उस दिव्या बालक का आदर सम्मान कर सकूँ |
यह निर्देश पाकर जब वे ज्ञानी लोग राजमहल से बाहर निकले तो उन्हें वह अनोखा तारा फिर दिखाई दिया और वे उसके पीछे चल पड़े | बेथलेहम की एक गोशाले के ऊपर वह स्थिर हो गया, और तभी वहाँ ज्ञानियों ने नवजात शिशु ईसा को अपनी माता मरियम और पिता यूसुफ के साथ एक चरनी में लेटा हुआ पाया | उन्होंने ईसा की अलौकिकता और महत्त्व को पहचाना। उन ज्ञानी पुरुषों ने अपने साथ लाई हुई अपनी भेंटें उसे दिव्य शिशु को समर्पित करते हुए उसको प्रणाम किया। एक दर्शन में राजा हेरोद के इरादों का सन्देश पाकर वे हर्ष भरे मन से दूसरे रास्ते अपने घर लौट गए।
इस प्रकार क्रिसमस स्टार उस तारे का स्मरण दिलाता है जिसने उन ज्ञानियों को बालक येसु तक पहुंचाया |
आज जब यह स्टार हम देखते हैं, तो हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम प्रकृति के तत्वों का निरिक्षण करें, उन्हें पहचानें और समझें ताकि हम उनसे परम सत्य, जिसे विभिन्न धर्म विभिन्न नाम से ईश्वर कहते हैं, तक पहुँच सकें| इसलिए यह अति आवश्यक है कि शिक्षा ऐसी हो कि वह संसार और प्रकृति के निरीक्षण और विश्लेषण से भौतिक सत्य के साथ साथ, परमार्थ सत्य की ओर भी विद्यार्थियों को, मानवों को, जन-जन को उस क्रिसमस स्टार की तरह ले जा सके।
उन महान ज्ञानियों को जिस प्रकार उसे तारे को देखकर एक शिशु में महानता को पहचानना कठिन नहीं हुआ, उसी प्रकार क्रिसमस स्टार हर बालक में छिपी हुई महानता और ईश्वरत्व का हमें स्मरण दिलाता है, the God potential (दैव बनने की मानव क्षमता) की हमें सूचना देता है| अतएव, यह तारा बच्चों को 'सावधानी से संभाल'ने ("Handle with Care") की चेतावनी भी देता है |
इसलिए ख्रीस्त जयंति एक निमंत्रण भी है : इस संसार में आने वाले हर शिशु का स्वागत करने का निमंत्रण | उन सब के जीने के अधिकार (Right to Life) का भी यह त्योहार है | चमकता क्रिसमस स्टार बालकों के संसार में आने की ख़ुशी का प्रतीक है |
ख्रीस्तजयन्ति की ये भावनायें सब दिलों में हों और ख्रिस्तमस की खुशियाँ सब लोगों को, सभी बच्चों को मिलें, विशेष कर, उन बच्चों को, जो विश्वभर में, कई इलाकों में युद्ध और आतंकवाद से पीड़ित हैं |
क्रिसमस एक 'गिफ्ट टाइम'-उपहारों का त्यौहार भी माना जाता है| आपसी सौहार्द और प्रेम स्वरूप उपहारों को बांटने का पर्व। क्रिसमस की इस सुन्दर प्रथा के पीछे है उन ज्ञानियों का नवजात प्रभु ईसा मसीह को अपनी भेंटें समर्पित करने की घटना | साथ ही ख्रीस्तजयन्ति यह याद दिलाती है कि मानव और इस संसार के प्रति परमेश्वर प्रेम रखता है, उनके प्रति चिंतित है और हमारा जीवन और जीवन के लिए संसार में सुलभ संसाधन इश्वर के सबसे बड़े उपहार हैं| जब विश्व के राष्ट्र २०२५ सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष मनाते हैं, तो पारस्परिक सहयोग और भाईचारे से मानव जीवन और इस पृथ्वी को कायम रखना हमारी तरफ़ से सबसे महत्वपूर्ण 'क्रिसमस गिफ्ट' होगा, उपहार होगा |
क्रिसमस/ख्रीस्तजयंती की हार्दिकशुभकामनाएं
डा. प्रशांत CMI, प्राचार्य, सेक्रेड हार्ट डिग्री कॉलेज, सीतापुर
Picture of the Star: https://i.pinimg.com/736x/f5/6a/48/f56a48a8f108d138bbe1de78880109b9--christmas-scenes-christmas-.jpg
Very thoughtful message. Christmas, a time for children, celebrating the innocence of childhood, a time for exchanging gifts, a time for proclaiming hope, that you will find what you are searching for, provided you put your heart and soul into it. Thank you Father Prasanth, for this thought provoking article. Alphonsa Xavier
ReplyDeleteThank you.
DeleteVery informative
ReplyDeleteIshwar ki upsthiti divyata aur margdarshan Ko darshata Hai star
ReplyDeleteStar always remind that God is always looking out for us. He (God) has always some plan.
ReplyDeleteI have heard this story in my childhood but it fades out , only some part I remembered….. thanks to you father to recall the story once again and tells us how the star is a guiding us through challenges and towards hope.